लखनऊ, 25 अप्रैल — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा शर्तों, वेतन और सामाजिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। शुक्रवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने "उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" (UPCOS) के गठन के निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, और पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इन चुनौतियों के समाधान के लिए निगम का गठन अनिवार्य हो गया है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोई भी आउटसोर्स कर्मचारी बिना संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति के सेवा से पृथक नहीं किया जाएगा। साथ ही, सभी कर्मचारियों के बैंक खातों में हर माह की 5 तारीख तक वेतन जमा हो और ईपीएफ व ईएसआई की राशि भी समय से भुगतान की जाए। नियमों के उल्लंघन पर संबंधित एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जैसे ब्लैकलिस्टिंग और पेनाल्टी का प्रावधान भी सुनिश्चित करने को कहा गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि निगम के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी, आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा तथा कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन और पारिवारिक पेंशन जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित निगम के माध्यम से विभाग, निगम और आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच त्रिपक्षीय समझौते के तहत सेवाएं संचालित होंगी। जेम पोर्टल के माध्यम से तीन वर्षों के लिए एजेंसियों का चयन किया जाएगा, लेकिन वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "राज्य सरकार सभी कर्मचारियों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। 'उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम' न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि लाखों कर्मियों के जीवन में स्थायित्व और विश्वास भी लाएगा।"
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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