6 साल के बच्चे अकबर साकिब ने रखा रोजा, की अमनों सुकून की दुआ

KN Live24
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किसी भी मजहब या धर्म का एक मूल आधार है,ईमान यानी आस्था. धर्म के संदर्भ में आस्था का मतलब है, किसी ईश्वर, धर्म के सिद्धांतों या शिक्षाओं में विश्वास. और आस्था की कोई आयु सीमा नहीं होती,जिसकी मिसाल बने है,चिनहट रोड लखनऊ के 6 वर्षीय अकबर साकिब.
अकबर ने 6 वर्ष की कम आयु में रमजान के महीने में रोजा रख कर अल्लाह और इस्लाम के नियमों के प्रति अपनी आस्था दिखा कर एक मिसाल कायम किया है. जो अक्सर मुस्लिम समुदाय के बच्चों में देखा जाता है.
अकबर पिछले दो सालों से अपने परिजनों से रोजा रखने की जिद कर रहे थे, परन्तु माता पिता उनकी कम आयु को देखते हुए उन्हें बहला फुसला कर समझा देते थे, परन्तु इस वर्ष अकबर की जिद के सामने माता पिता ने फैसला किया कि उनकी रोजकुशाई कर दी जाए.
अकबर साकिब जयपुरिया स्कूल कुर्सी रोड में पहली कक्षा के छात्र है,और उनके पिता साकिब अवध इंस्टिट्यूट ऑफ सेफ्टी मैनेजमेंट चलाते है.
अकबर की ईश्वर के प्रति इस श्रद्धा को देखते हुए परिजनों के साथ साथ सभी लोगों ने उन्हें दुआओं से नवाजा।

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