नई दिल्ली– स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और बीमारियों की निगरानी को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से दक्षिण पूर्वी जनपद में इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के तहत मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन और डेटा एंट्री ऑपरेटर की विशेष ट्रेनिंग आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रामक बीमारियों की पहचान, रिपोर्टिंग और रोकथाम की नवीनतम तकनीकों से अवगत कराना था।
यह ट्रेनिंग सेशन स्वास्थ्य विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा था, जिसका मकसद रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग और रोग नियंत्रण को प्रभावी बनाना है। इस दौरान विशेषज्ञों ने बीमारी की शुरुआती पहचान, डेटा प्रबंधन, लैब टेस्टिंग प्रक्रियाएं, रोग निगरानी प्रणाली और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी।
ट्रेनिंग में शामिल विभिन्न सत्रों के दौरान प्रतिभागियों को डिजीज सर्विलांस सिस्टम के तहत रिपोर्टिंग के महत्व, लैब जांच की सटीकता, डेटा एंट्री और विश्लेषण की आधुनिक तकनीकों के बारे में बताया गया। इसके अलावा, स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू, चिकनगुनिया, टीबी, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदमों पर प्रशिक्षित किया गया।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण भविष्य में रोग नियंत्रण और महामारी प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस दौरान जिला नोडल डॉक्टर निशा नुपुर ने कहा कि "सही समय पर सही जानकारी और त्वरित प्रतिक्रिया से हम किसी भी बीमारी के प्रसार को रोक सकते हैं। यह प्रशिक्षण हमारे स्वास्थ्य कर्मियों को अधिक दक्ष बनाएगा।"
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सभी प्रतिभागियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में डिजीज सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि इन प्रशिक्षित कर्मियों के माध्यम से बीमारी की रिपोर्टिंग और रोकथाम को और प्रभावी बनाया जाए, ताकि किसी भी स्वास्थ्य संकट को समय रहते टाला जा सके।
इस तरह की पहलें स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और समाज को सुरक्षित एवं स्वस्थ बनाए रखने में सहायक सिद्ध होती हैं।
इसके साथ ही डॉक्टर निशा नूपुर ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई भी दी।
Good job
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