हीटवेव का कहर: बढ़ते तापमान के कारण और बचाव के उपाय

मो. उवैस खान
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देश में बढ़ रही भीषण गर्मी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मार्च के अंत में ही देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का असर दिखने लगा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, कई राज्यों में तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण के कारण हीटवेव (Heatwave) की घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं।

क्या होती है हीटवेव?

मौसम विभाग के अनुसार, हीटवेव एक ऐसी स्थिति होती है जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। भारत में मैदानी इलाकों में यदि तापमान 40°C से अधिक हो जाए और पहाड़ी क्षेत्रों में 30°C पार कर जाए, तो इसे हीटवेव घोषित किया जाता है। यदि तापमान सामान्य से 6 डिग्री या अधिक बढ़ जाए, तो यह ‘गंभीर हीटवेव’ की श्रेणी में आता है।

किन कारणों से बढ़ रहा है हीटवेव का असर?

विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित कारणों से हीटवेव की घटनाएँ अधिक हो रही हैं:

1. जलवायु परिवर्तन

ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती का औसत तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे गर्मी के मौसम में हीटवेव का प्रभाव अधिक देखने को मिल रहा है।

2. शहरीकरण और ‘हीट आइलैंड इफेक्ट’

शहरों में कंक्रीट और डामर की सड़कों की अधिकता से तापमान तेज़ी से बढ़ता है और रात में भी गर्मी कम नहीं होती, जिससे हीटवेव का प्रभाव बढ़ जाता है।

3. वनों की कटाई

पेड़ों की कटाई से धरती की सतह पर सूरज की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे गर्मी बढ़ती है और पर्यावरण संतुलन बिगड़ता है।

4. उच्च दबाव प्रणाली

मौसम की उच्च दबाव प्रणाली गर्म हवा को सतह पर बनाए रखती है, जिससे लगातार कई दिनों तक अधिक गर्मी बनी रहती है।

हीटवेव से कैसे बचें?

विशेषज्ञों के अनुसार, हीटवेव के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी जरूरी हैं:
✅ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
✅ हल्के और सूती कपड़े पहनें जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करें।
✅ गर्मी के चरम समय (दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक) बाहर निकलने से बचें।
✅ घरों और कार्यस्थलों को ठंडा रखने के लिए पर्दों और पंखों का उपयोग करें।
✅ बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि वे हीटवेव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

निष्कर्ष

बढ़ती गर्मी और लगातार हो रही हीटवेव की घटनाएँ जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को दर्शाती हैं। पर्यावरण संरक्षण, जलवायु नीति में सुधार और व्यक्तिगत स्तर पर सावधानियाँ अपनाकर हम इस समस्या से बच सकते हैं। मौसम विभाग लगातार अलर्ट जारी कर रहा है, ऐसे में जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें और हीटवेव से बचाव के उपाय अपनाएँ।

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