बेटियां भी किसी से कम नहीं है बेटी एक वरदान है l
इत्र की नगरी कन्नौज की रहने वाली अंजली दिक्षित ने अपने पिता को फादर डे पर एक सुंदर सी कविता लिखी l उसने अपनी कविता पिता को समर्पित की l बेटी की कविता को आइए सुनते हैं l
एक बेटी का पिता को संदेश "आप का साया काफी था"
अब जब मैं गिरुगी , तो संभालने कौन आएगा।।
अब जब मै रूठुगी ,तो मनाने
कौन आएगा ।।
बचपना बहुत है मुझ में ,मैं समझदार नहीं ,यह गलत है बो सही , बताने कौन आएगा ।।
मम्मी डांट दे ,मैं रो जाऊं ,तो गले लगाने कौन आएगा ।।
महज कुछ दिन का साथ हमारा ,उम्र भर सीखना बाकी था तब जो बस चलना सीखी थी।।
रास्ता पूरे जीवन का बाकी था इतनी जल्दी हाथ छूट गया आपका
गिरना सभलना आगे बाकी था।।
खोने का मतलब भी नहीं जानती थी और मेरा सब कुछ खो गया।।
मेरे जीने के लिए "पापा" आपका साया काफी था ।।
आपका साथ काफी था।।
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मेरी ये पंगतिया मेरे पापा को समर्पित
मिस यू "पापा" आप सभी को पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
अंजली दीक्षित पुत्री स्व. श्री दिलीप दीक्षित
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