हरदोई: प्रशासनिक उदासीनता की शिकायतें आम हैं, लेकिन जब एक 94 वर्षीय बुजुर्ग तीसरी बार न्याय की गुहार लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, तो हालात बदल गए। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने न केवल बुजुर्ग की समस्या सुनी, बल्कि त्वरित कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार लेखपाल और कानूनगो को निलंबित कर दिया।
क्या है मामला?
शिवकरन द्विवेदी नामक 94 वर्षीय बुजुर्ग ने भूमि कब्जे को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने पहले भी दो बार अपनी फरियाद प्रशासन तक पहुंचाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब वे तीसरी बार जनसुनवाई में पहुंचे, तो जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने उन्हें देखते ही अपनी कुर्सी छोड़ दी और स्वयं उनके पास जाकर उनकी समस्या जानी।
डीएम का त्वरित एक्शन
मामले की गंभीरता को समझते हुए डीएम ने संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी और पाया कि बुजुर्ग की शिकायत पर पहले कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। इस लापरवाही को देखते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से संबंधित लेखपाल और कानूनगो को निलंबित कर दिया।
प्रशासन में मची खलबली
डीएम की इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। आम जनता के बीच भी इस फैसले की सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि अगर सभी अधिकारी इसी तरह संवेदनशील होकर काम करें, तो आमजन को बेवजह सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
न्याय की उम्मीद जगी
शिवकरन द्विवेदी ने डीएम के इस फैसले पर संतोष जताया और उम्मीद जताई कि अब उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा, "पहले कोई सुनवाई नहीं हो रही थी, लेकिन आज डीएम साहब ने खुद मेरी बात सुनी और तुरंत कार्रवाई की, इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।"
डीएम मंगला प्रसाद ने भी साफ संदेश दिया कि किसी भी बुजुर्ग या जरूरतमंद व्यक्ति की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम न केवल प्रशासनिक जवाबदेही को सुनिश्चित करता है, बल्कि लोगों में न्याय की उम्मीद भी जगाता है।
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