आम आदमी पार्टी के सात विधायकों ने विधानसभा चुनाव से पांच दिन पहले इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वालों में महरौली के नरेश यादव, त्रिलोकपुरी के रोहित कुमार, जनकपुरी के राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर के मदन लाल, आदर्श नगर के पवन शर्मा, बिजवासन के भूपेंदर सिंह जून और पालम की भावना गौड़ शामिल हैं। इन विधायकों ने बताया कि उन्हें पार्टी और केजरीवाल से भरोसा उठ गया है।
इनमें से किसी को भी इस बार टिकट नहीं दिया गया था। इसके बावजूद, इन इस्तीफों ने चर्चा को जन्म दिया है कि क्या इसका चुनाव पर प्रभाव पड़ेगा। महरौली से नरेश यादव को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में उनका टिकट बदलकर महेंद्र चौधरी को दे दिया गया। त्रिलोकपुरी के रोहित कुमार ने कहा कि पार्टी ने दलित समाज के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने केजरीवाल से यह भी कहा कि उनके समाज ने लगातार समर्थन दिया, लेकिन पार्टी ने उनका शोषण किया है।
पालम की भावना गौड़ और कस्तूरबा नगर के मदन लाल ने भी इसी वजह से इस्तीफा दिया। जनकपुरी के राजेश ऋषि ने आरोप लगाया कि पार्टी ने अपने मूल सिद्धांतों को छोड़ दिया है। आदर्श नगर के पवन शर्मा ने भी कहा कि पार्टी की ईमानदार विचारधारा से भटक गई है।
बिजवासन के विधायक भूपेंदर सिंह जून ने भी इस पर चिंता जताई। दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होंगे और परिणाम 8 फरवरी को आएंगे। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं।
सात विधायकों के इस्तीफे का समय चुनाव के नजदीक होना, इस बात का संकेत देता है कि वे पार्टी पर दबाव डालना चाहते हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी का मानना है कि ये विधायक विपक्षी दलों द्वारा प्रोत्साहित हो सकते हैं। सभी ने एक साथ इस्तीफा दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक संगठित निर्णय है।
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