राजस्थान में अवैध खनन से दुखी संत का आत्मदाह:80% झुलसे बाबा विजय दास
राजस्थान स्थित भरतपुर के पसोपा गांव में संत बाबा विजय दास ने अवैध खनन के विरोध में अपने आप को आग लगा ली। वे साधु संतों के साथ पिछले 551 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। आग लगाने के बाद बाबा राधे-राधे कहते हुए दौड़ने रहे। दौड़ते हुए पुलिसकर्मियों ने जल्दी में कंबल डालकर आग बुझाई, तब तक बाबा करीब 80 फीसदी तक जल चुके थे।
आनन फानन में बाबा को भरतपुर के राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। बाबा के आत्मदाह की घटना के बाद राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया बैकफुट पर आ गए। मंत्री ने कहा संत जिन खानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं, वे सभी लीगल हैं। लेकिन फिर भी उनकी लीज शिफ्ट करने पर जल्दी ही विचार किया जाएगा।
आपको बता दें राजस्थान के भरतपुर जिले की डीग स्थित कामां तहसील का इलाका 84 कोस परिक्रमा मार्ग में पड़ता है। साधु-संतों का कहना है कि यह धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ स्थान है, यहां हिंदू धर्म के लोग आकर परिक्रमा करते हैं, इसलिए यहां वैध और अवैध हर तरह के खनन बंद होने चाहिए। इसी मांग को लेकर बाबा 551 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
साधु-संतों का दावा है कि कनकांचल और आदि बद्री पर्वत हिंदू धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं। आदि में भगवान बद्री के दर्शन होते हैं, जबकि कनकांचल पर्वत में कई पौराणिक अवशेष अभी भी हैं। जिसके श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं। इस जगह पर चारों धाम स्थित हैं।
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